Lashkar-e-Tayyiba और Jaish-e-Mohammed: भारत में आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड
पाकिस्तान में फल-फूल रहे दो आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Tayyiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने भारत में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है, कौन है इन संगठनों के सरगना और कैसे यह पाकिस्तान में सह लेते है। आगे पढिए पूरी जानकारी

जयपुर: भारत ने बुधवार को पाकिस्तान पर किए गए हमलों में दो प्रमुख आतंकवादी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Tayyiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) को निशाना बनाया। ये दोनों संगठन पाकिस्तान में स्थित हैं और इन पर भारत में कई बड़े और घातक हमले करने का आरोप है।
इन संगठनों का मकसद कश्मीर को पाकिस्तान से जोड़ना है और इनकी गतिविधियों ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है। पाकिस्तान की सेना और सरकार इन संगठनों को लगातार शरण देते रहे है।
भारत ने ये हमले जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों के नरसंहार के बाद की प्रतिक्रिया के रूप में किए, जिसे उसने पाकिस्तान द्वारा अंजाम दिया गया बताया।
हालांकि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इससे इनकार किया और कहा कि वह आतंकवादी समूहों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। लेकिन दुनिया जानती है कि पाकिस्तान दुनिया में आतंकवाद का जन्मदाता है।
आइए जानते हैं Lashkar-e-Tayyiba और Jaish-e-Mohammed इस्लामिक आतंकवादी संगठनों के बारे में
वैसे तो पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय है लेकिन हम इस लेख में 2 कुख्यात आतंकी संगठनों के बारे में बताएंगे। जो लगातार भारत में आतंक फैलाने के का काम करते है, इन संगठनों ने संसद और मुंबई जैसे हमलों को अंजाम दिया है।
जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
जैश-ए-मोहम्मद, जिसका अर्थ ‘पैगंबर मुहम्मद की सेना’ है, एक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन है जो कश्मीर में सक्रिय रूप से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर को पाकिस्तान से जोड़ना है। इसे 2001 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। भारत इस संगठन से पिछले 2 दशकों से अधिक समय से लड़ रहा है।
इस समूह के नेता मौलाना मसूद अजहर हैं, जिसको 1999 में भारत में एक भारतीय एयरलाइंस की उड़ान के 155 यात्रियों के बदले रिहा किया गया था।
मौलाना मसूद अजहर ने रिहा होने के बाद पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन की स्थापना करी थी। इस संगठन को पाकिस्तानी सेना के अलावा ओसामा बिन लादेन और तालिबान जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था।
जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन ने भारत में 3 बड़े हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2016 में उरी का हमला, और पुलवामा हमले में इस संगठन का हाथ शामिल है। इसके अलावा यह संगठन जम्मू और कश्मीर में छोटे-मोटे आतंकी हमले करते रहता है।
लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
लश्कर-ए-तैयबा, जिसका अर्थ ‘पवित्र सेना’ है, भी एक पाकिस्तान आधारित संगठन है, जिसका उद्देश्य कश्मीर को पाकिस्तान से जोड़ना है। इस संगठन का अल-कायदा से गहरा संबंध है, और यह कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है, जिनमें 2008 में मुंबई हमले शामिल हैं। इन हमलों में करीब 164 लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
आतंकी संगठन Lashkar-e-Tayyiba का प्रमुख हाफिज सईद है, जो पाकिस्तान में खुलेआम रहता है और कई बार पाकिस्तानी हिरासत से बाहर भी निकला है। हाफिज सईद पर भारत और अन्य देशों द्वारा आतंकवाद के आरोप लगाए गए हैं। इस संगठन ने भारत में 2008 में 26/11 मुंबई अटैक को अंजाम दिया था।
इस संगठन ने पाकिस्तान में अपनी कई शाखाएं खोल रखी है। हाल ही में पहलगाम में हुए हमले में भी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (The resistance front) का नाम सामने आया है।
द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले के कुछ समय बाद इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस संगठन का मुखिया कश्मीरी शेख सज्जाद गुल (50) है, जो इस समय पाकिस्तान में रावलपिंडी के छावनी शहर में छिपा हुआ है।
इन दोनों संगठनों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध किया है और इन्हें अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि पाकिस्तान इन संगठनों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने से लगातार इनकार करता रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है, और इन आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों ने दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।