Bhajanlal Sharma Biography: सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफ़र, जाने कैसे तय किया
Bhajanlal Sharma Biography: राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज शपथ ले ली हैं। अपने जन्मदिन के दिन शपथ लेने वाले यह पहले मुख्यमंत्री हैं, आइए जानते हैं शर्मा ने सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफ़र कैसे तय किया

Bhajanlal Sharma Biography: राजस्थान चुनाव के फाइनल रिजल्ट्स के बाद हर कोई ये जानना चाहता था कि अगला सीएम कौन होगा। बीते मंगलवार की दोपहर तक किसी को ये अंदाजा नहीं था कि बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायकों के फोटो सेशन में पीछे वाली कतार में खड़ा शख्स कुछ ही मिनट बाद राज्य की राजनीति के केंद्र में होगा।
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Bhajanlal Sharma Biography in hindi
भजनलाल शर्मा के सूबे का सीएम बनने की कहानी कुछ ऐसी ही रही। उन्हें मंगलवार को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया और इसके साथ ही वह राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गए। भरतपुर की एक ग्राम पंचायत के सरपंच रहे शर्मा अब राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने शुक्रवार को यहां ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के सामने आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
पहली बार विधायक बने और मिल गई मुख्यमंत्री की कुर्सी
भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। पार्टी के प्रदेश महासचिव शर्मा सुर्खियों से दूर रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं और 1992 में श्रीराम जन्मभूमि भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी जा चुके हैं।
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अपने 34 साल के सक्रिय राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) और पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्य किया है। 57 वर्षीय भजनलाल शर्मा को समर्पित पार्टी कार्यकर्ता के रूप में देखा जाता है और वह सुर्खियों से दूर रहना पसंद करते हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पढ़ाई कहाँ से की?
भजनलाल शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भरतपुर जिले के अटारी गांव और नदबई कस्बे में पूरी की। बाद में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए और नदबई और भरतपुर इलाके में सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे। शर्मा ने 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। 100 अन्य कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी। वह 1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जेल भी गये।
कैसा हैं भजनलाल शर्मा का राजनीतिक सफ़र
1991-92 के दौरान भजनलाल को भाजयुमो में जिम्मेदारी मिली और उनके राजनीतिक करियर ने नई रफ्तार पकड़ी। वह पहली बार 27 साल की उम्र में सरपंच चुने गए थे। वह दो बार सरपंच और एक बार पंचायत समिति सदस्य चुने गये। वह भाजपा के भरतपुर जिला सचिव और जिला अध्यक्ष बनने से पहले तीन बार भाजयुमो जिला अध्यक्ष रहे। अपने गृह नगर भरतपुर को छोड़कर उन्होंने जयपुर मुख्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।
भाजपा व संघ में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभाई
भजनलाल शर्मा के पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है और उनका व्यवसाय कृषि है। पार्टी नेताओं का कहना है कि शर्मा नियमित रूप से मथुरा में गोवर्धन-गिरिराज परिक्रमा में जाते हैं जहां भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आते थे। वहीं दोनों के बीच मुलाकात होती थी।
शर्मा तब भरतपुर में जिला अध्यक्ष थे। यहीं से वे नड्डा की नजर में आए। बाद में उन्होंने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोगी के रूप में काम किया और कहा जाता है कि शाह उनके काम से प्रभावित हुए।
राज्य में विधानसभा की 200 में 199 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। वहां अब पांच जनवरी को मतदान होगा।