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पहलगाम आतंकवादी हमला: IGNOU का छात्र कैसे बना कुख्यात आतंकवादी, जानें ख़बर

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में आदिल हुसैन ठोकर का नाम सामने आया। एक समय में होनहार छात्र, आदिल पाकिस्तान जाकर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया। उसकी गिरफ्तारी पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा गया, जो इस घटना की गंभीरता को दर्शाता है।

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए एक आतंकवादी हमले में कश्मीर के स्थानीय निवासी आदिल हुसैन ठोकर का नाम सामने आया है। यह घटना बेहद चौंकाने वाली है, क्योंकि आदिल एक समय में एक होनहार छात्र था, और उसकी शिक्षा पूरी करने के बाद वह एक आतंकवादी संगठन का सदस्य बन गया। आदिल इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) से मास्टर की डिग्री कर रहा था और उसने कश्मीर के एक सरकारी डिग्री कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई भी पूरी की थी। वह एक समय में छात्रों को पढ़ाता भी था और उसे ‘मास्टर’ के नाम से जाना जाता था। लेकिन अब वह पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बन चुका है।

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एक होनहार छात्र से आतंकवादी तक का सफर

आदिल के परिवार का सपना था कि उनका बेटा पढ़-लिखकर उनका नाम रोशन करे, लेकिन यह सपना टूट गया जब आदिल ने आतंकवाद की राह पकड़ ली। आदिल के बारे में जानकारी देने पर सरकार ने 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। परिवारवालों का कहना है कि आदिल हमेशा पढ़ाई में व्यस्त रहता था और किसी से ज्यादा मिलता-जुलता नहीं था। वह एक शांत, समझदार और पढ़ाकू लड़का था, लेकिन किसी को क्या पता था कि वही लड़का एक दिन आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होगा।

पढ़ाई के बहाने घर से भागा आदिल

आदिल के परिवार के मुताबिक, वह 29 अप्रैल 2018 को अचानक घर से गायब हो गया। उसने परिवार को बताया था कि वह बडगाम में एक परीक्षा देने जा रहा है, लेकिन इसके बाद वह कभी वापस नहीं लौटा। परिवार ने उसकी बहुत तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। बाद में, खुफिया एजेंसियों (Intelligence agencies) ने यह खुलासा किया कि आदिल पाकिस्तान में जाकर वहां कुछ कट्टरपंथी नेताओं से मिला और उनके संपर्क में आकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गया।

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आदिल ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) जैसे आतंकवादी संगठन में शामिल होने के बाद वहां से मिलिट्री ट्रेनिंग ली और जल्द ही वह अंडरग्राउंड हो गया। उसकी कश्मीर के स्थानीय निवासी के तौर पर गहरी जानकारी ने उसे पुंछ और राजौरी सेक्टर के दुर्गम इलाकों से LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पार करने में मदद की। आदिल अपने साथियों के साथ भारत में घुस आया और फिर वह अनंतनांग में छिपकर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हुआ।

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20 लाख रुपये का इनाम

आदिल के परिवार का कहना है कि वे विश्वास नहीं कर पा रहे कि उनका बेटा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकता है। उसकी मां शाहजादा बानो ने कहा कि यदि आदिल सच में इस गतिविधि में शामिल है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। फिलहाल, आदिल का घर तोड़ दिया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए 20 लाख रुपये का इनाम रखा गया है।

यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे कभी एक होनहार छात्र देशद्रोही गतिविधियों की ओर मोड़ सकता है। आदिल का केस इस बात का उदाहरण है कि आतंकवाद में लिप्त होने के पीछे कई व्यक्तिगत और बाहरी कारण हो सकते हैं। ऐसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए, यह जरूरी है कि समाज और परिवार एक साथ मिलकर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएं।

Shaitan Singh

शैतान सिंह जन पत्रिका के सह संस्थापक हैं। वे पिछले 5 सालों से मीडिया के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इन्हें ऑटोमोबाइल, टेक्नॉलजी, एंटरटेनमेंट, एजुकेशन, सोशल, पॉलिटिक्स और इंटरनैशनल अफेयर्स जैसे विषयों पर लिखने का अनुभव है। छुट्टियों में मोटरसाइकिल से घूमना पसंद हैं।

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