धान-गेंहू की खेती छोड़ शुरू करी इन फूलों की खेती, अब हो रही हर महीने मोटी कमाई!
Rajnigandha Flower Farming: किसानों की खेती का तरीका बदल रहा है। अब किसान धान-गेंहू की जगह उन चीजों की खेती कर रहे है जिसमें मोटी कमाई होती है।
Rajnigandha Flower Farming: किसानों की खेती का तरीका बदल रहा है। अब किसान धान-गेंहू की जगह उन चीजों की खेती कर रहे है जिसमें मोटी कमाई होती है। पारंपरिक खेती की जगह बागवानी फूलों की खेती की जा रही है। फूलों से काफी अच्छी कमाई हो रही है। हरियाणा के प्रदीप सैनी का परिवार सालों से धान-गेंहू की जगह रजनीगंधा की खेती कर रहा है। साल 1983 से ही प्रदीप सैनी का परिवार रजनीगंधा फूलों की खेती कर रहा है। खेती का तरीका बदलकर उन्होंने मोती कमाई की।
बदला पारंपरिक खेती का तरीका
प्रदीप सैनी के परिवार ने धान-गेंहू की खेती छोड़ शुरू करी रजनीगंधा के फूलों की खेती और परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया। रजनीगंधा फूलों की खेती को बढ़ाने के लिए उन्होंने सरकार से भी मदद ली। प्रदीप सैनी के अनुसार वे सालों से रजनीगंधा फूलों की खेती कर रहे है और उससे मोटा पैसा कमा रहे है। उनको देख गाँव के 250 किसान फूलों की खेती करने लगे है।
फूलों की खेती से मोटी कमाई
प्रदीप सैनी का कहना है की उनकी कमाई धान-गेंहू की खेती करने वाले किसानों से अधिक है। प्रदीप रोज मंडी जाकर फुल बेच कर मुनाफा कमा लेते हैं। प्रदीप सैनी के मुताबिक वो रोज मंडी में रजनीगंधा के फूलों को बेचकर 20 से 25 हजार रुपये कमा लेते है। उनका कहना है की फूलों में भी ज्यादा डिमांड रजनीगंधा फूलों की है। विदेशों तक उनके फूलों की सप्लाइ होती है। हल्के फूलों की अलग कीमत है,परंतु जो अच्छे फूल है उनकी कीमत उन्हे अच्छी मिलती है। उन्होंने बताया की फूलों की खेती करने वाले किसानों की मदद सरकार भी करती है, हरियाणा में जो लोग फूलों की खेती करना चाहते है, उन्हे सरकार 24 हजार पर किला के हिसाब से सब्सिडी भी देती है। खेती की तकनीक सीखने में भी सरकार काफी मदद करती है। हालांकि उन्होंने ये बताया कि पारंपरिक अनाजों की खेती के मुकाबले फूलों की खेती में ज्यादा मेहनत लगती है।