Budhwar ke Upay: अगर पाना चाहते है मनचाहा करियर तो बुधवार के दिन अवश्य करें ये उपाय!
Benefits of Budh Stotra: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में बुध-ग्रह को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए है। उन्हीं में से एक है बुध स्त्रोत का पाठ।
Budh Stotra Path: सनातन धर्म के अनुसार बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित होता है। जो वीकती बुधवार के दिन पूजा और व्रत करता है उसकी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है जिससे उसकी बुद्धि,विवेक, तर्क और वाणी मजबूत होती है। ऐसे व्यक्ति जिन्हें जीवन में आसानी से सारी सुख-सुविधाएं मिल जाती है। वहीं जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है उसको जीवन में सुख-सुविधाएं पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शस्त्र में कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए कारगार उपाय बताए गए हैं। उन्हें में से एक है बुध स्त्रोत का पाठ। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में मनचाहा करियर पाना चाहते है या फिर कुंडली से ग्रहों का दुष्प्रभावों को कम करना चाहते है तो बुधवार को पूजा के दौरान बुध स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए।
”बप्पा की स्तुति”
”गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक ।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता ।
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
मांगत तुलसीदास कर जोरे ।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन” ॥
”बुध स्तोत्र”
”पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।
धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।
प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।
सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।
सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।
उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।
सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।
शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।
सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।
श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।
रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र:।।
अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।
अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।
गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।
केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।
ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।
कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।
गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।
सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।
एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।
बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते” ।।