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Akash Deep Story: पिता-भाई को खोया,आर्थिक तंगी के कारण क्रिकेट छोड़ी, अब किया यादगार डेब्यू

Akash Deep Story: आज इंग्लैंड के खिलाफ तगड़ा डेब्यू करने वाले आकाश के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा। मूलरूप से बिहार के रहने वाले इस खिलाड़ी ने अपने जीवन में संघर्ष के कई दौर देखे हैं। कभी पिता-भाई के निधन ने कमर तोड़ी तो कभी आर्थिक तंगी के कारण क्रिकेट छोड़ना पड़ा था।

Akash Deep Story: आज इंग्लैंड के खिलाफ तगड़ा डेब्यू करने वाले आकाश के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा। मूलरूप से बिहार के रहने वाले इस खिलाड़ी ने अपने जीवन में संघर्ष के कई दौर देखे हैं। कभी पिता-भाई के निधन ने कमर तोड़ी तो कभी आर्थिक तंगी के कारण क्रिकेट छोड़ना पड़ा था। बंगाल के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। 27 साल के इस खिलाड़ी ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में उतरते ही कमाल कर दिया। उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में शुरुआती तीन विकेट लेकर भूचाल मचा दिया। आकाश को अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की जगह खेलने का मौका मिला। बुमराह को आराम दिया गया है। आकाश ने कप्तान रोहित शर्मा के भरोसे को सही साबित किया और बड़ा ही यादगार प्रदर्शन किया।

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Akash Deep Story का करियर

आकाश के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा। बिहार के इस लाल को बड़े संघर्षों से टकराना पड़ा था । कभी पिता-भाई के निधन ने तोड़ा तो कभी आर्थिक तंगी के कारण क्रिकेट छोड़ना पड़ा। आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी करते देखना चाहते थे। उन्होंने कई परीक्षाएं भी दीं, लेकिन उनके मन में हमेशा क्रिकेट चल रहा था। साथ ही पढ़ाई में उतना मन नहीं लगता था। वह क्रिकेट के लिए ज्यादा समय निकालते थे।

बचपन में किया लोगों के तानों का सामना

आकाश ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि लोग बचपन में उन्हें ताने सुनाते थे। यहां तक के दोस्तों के घर वाले भी उनकी बुराई करते थे। अपने बच्चों को उनसे दूर रहने की सलाह देते थे। भारतीय तेज गेंदबाज ने बताया कि लोग यह कहते थे कि आकाश से दूर रहो। उसके संगत में रहकर बिगड़ जाओगे। हालांकि, आकाश अब किसी की आलोचना नहीं करते हैं।

Akash Deep Story के लिए एक वर्ष जो रहा बेहद कठिन

आपको बता दें कि आकाश दीप के लिए 2015 उनके जीवन का सबसे कठिन साल रहा। क्योंकि आकाश दीप ने छह महीने के अंदर अपने पिता और भाई दोनों को खो दिया था। पिता का निधन स्ट्रोक के कारण हुआ था। वहीं, दो महीने बाद उनके भाई ने भी दुनिया छोड़ दी। आकाश के घर में पैसे नहीं थे। उन्हें अपनी मां की देखभाल करनी थी। इस कारण उन्होंने क्रिकेट को तीन साल के लिए छोड़ दिया था। बाद में आकाश को लगा कि वह क्रिकेट से ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकते हैं। इसके बाद दुर्गापुर चले गए। वहां से फिर कोलकाता पहुंचे। एक छोटे से कमरे में भाई के साथ रहने लगे।

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संघर्ष के दिनों में दोस्त और चाचा ने की मदद

आकाश अपने दोस्त का शुक्रिया हमेशा करते हैं। उन्होंने बताया कि दोस्त ने ही उन्हें बुरे समय में संभाला था । दुर्गापुर में उन्हें क्लब क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। टेनिस गेंद की क्रिकेट से उनकी कमाई हो जाती है। इस दौरान उन्हें हर दिन 600 रुपए मिल जाते थे। वो इस समय घर के खर्च के लिए 20000 तक रुपये कमा लेते थे। दुर्गापुर में चाचा ने भी काफी मदद की। उन्होंने आकाश को मुश्किलों से बाहर निकाला और क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। आकाश ने 2019 में बंगाल के लिए पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला। उसी साल लिस्ट ए और टी20 फॉर्मेट में भी डेब्यू का मौका मिला।

आकाश का क्रिकेट करियर

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री से पहले आकाश ने बंगाल के लिए 30 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 104 विकेट लिए। लिस्ट ए के 28 मैचों में उनके नाम 42 विकेट हैं। वहीं, 41 टी20 में उन्होंने 48 विकेट झटके हैं। आकाश आईपीएल में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के लिए खेलते हैं। उन्होंने टीम के लिए सात मैचों में छह विकेट लिए हैं।

Kanisha Mathur

कनिशा माथुर जनपत्रिका में डिजिटल कंटेन्ट प्रोड्यूसर के तौर पर कार्यरत हैं। इन्हें ऑटोमोबाईल,टेक्नॉलजी,एंटरटेनमेंट, एजुकेशन जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इनका उद्देश्य आसान शब्दों में लोगों तक हर जानकारी पहुंचाना है। अपने खाली समय में इन्हें म्यूजिक सुनना, लोगों से बातचीत करना और घूमना-फिरना काफी पसंद है। यह नई चीजें सीखने के लिए हमेशा तैयार रहती है।

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