इस स्कूल में बच्चे कॉपी-किताब से नहीं करते पढ़ाई, कीचड़ में खेलने, और खेत-तालाब में घूमने आते हैं बच्चे
Nature School in New Zealand: यह एक प्राइमरी स्कूल है। यहाँ 8-12 वर्ष की आयु के बच्चे अपना पुरा एक दिन खेतों के किनारे और नदियों के बीच गुजारते है।

Nature School in New Zealand: न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन में बच्चों को भेजा जा रहा है नेचर स्कूल में, जहां बच्चे ना ही सिर्फ खेत-तालाब घूमेंगे बल्कि कीचड़ में खेलते हुए भी नजर आएंगे। नेचर स्कूल में बच्चों को पेड़ों-मवेशियों के बारे में सिखाया जाता है। सबसे खसस बात तो ये है की न्यूजीलैंड के बच्चे ये सब चीजें प्राइमरी स्कूलिंग के दौरान सिख रहे है। यहाँ पर 8-12 वर्ष की आयु के बच्चों को हफ्ते में एक दिन सिर्फ खेतों में ओर नदियों के किनारे गुजरना होता है।
मछलियों को खाना देने से लेकर पेड़-पौधे लगाने तक
यहाँ बच्चे स्कूल द्वारा सीखने के बाद ईल मछलियों को खाना खिलते हैं और मिट्टी में खेलते है। बच्चे यहाँ सिर्फ अपना समय गुजरने के लिए ही नहीं आते बल्कि बच्चे मवेशियों की देखभाल भी करते है। यूरोप के काफी देशों में ये काफी ट्रेंडिंग है और स्कूलों में स्टूडेंट्स को नेचर की जानकारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। Britain और Australia में यह चीज ‘फॉरेस्ट स्कूल’ या ‘बुश काइन्डीज’के नाम से जाना जाता है। कई देशों में तो ‘एन्वायरो स्कूल’ नाम का कॉन्सेप्ट शुरू किया गया है। बच्चों के लिए माओरी लाइफस्टाइल भी शुरू किया जा रहा है।
बच्चों के लिए स्कूल के बाहर की खूबसूरत दुनिया
माओरी लाइफस्टाइल के जरिए वो स्कूली दुनिया से बाहर आकर नई दुनिया देखते है और समझते है। वे जिंदगी की असली चुनौतियों का सामना करना सीखते है। किसी बच्चे को किसानों के साथ काम करना पसंद आता है तो किसी को मुर्गी पकड़ना। कुछ ऐसे होते है जो पेड़ों को रोज पानी देना पसंद करते है और नए पौधे लगाने का संकल्प लेते हैं। बच्चों में ये उत्सुकता बचपन से ही बनाई जाती है। नयूजीलैंड में ऐसे स्कूल तेजी से बढ़ रहे है और करीब 100 स्कूल में 2000 टीचर जुड़ चुके है जो बच्चों को नेचर से रूबरू करवाते है।