kalki Dham: प्रधानमंत्री ने किया विष्णु के 10 वें अवतार कल्कि मंदिर का शिलान्यास, होगा भव्य मंदिर का निर्माण
kalki Dham: आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी । भगवान कल्कि विष्णु जी के दसवें अवतार कहे जाते हैं। अब बनेगा भव्य मंदिर और होगी पूजा अर्चना ।
kalki Dham: आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी । भगवान कल्कि विष्णु जी के दसवें अवतार कहे जाते हैं। अब बनेगा भव्य मंदिर और होगी पूजा अर्चना । हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतार बताए जाते हैं, जिनमें नौ का जन्म हो चुका है और दसवें अवतार का जन्म अभी बाकी है। दसवें अवतार के रूप में भगवान कल्कि जन्म लेंगे, जो कलयुग के अंत में सफेद घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का संहार करेंगे। यानी कलियुग की समाप्ति भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से होगी।
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संभल में kalki Dham मंदिर में पीएम मोदी ने की पूजा-अर्चना
उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेदी पर बैठ कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। पीएम मोदी के साथ वेदी पर सीएम योगी आदित्यनाथ और आचार्य प्रमोद कृष्णम भी बैठे । मंदिर के शिलान्यास के बाद पीएम मोदी जनसभा को भी संबोधित किया । बता दें कि मंदिर का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट करवा रहा है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं।
PM मोदी ने किया kalki Dham का शिलान्यास
कल्कि धाम का शिलान्यास कार्यक्रम पुरा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि धाम के गर्भगृह की आधारशिला रखी है। इस मौके पर उनके साथ प्रमोद कृष्णम और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
कल्कि धाम में क्या बोले योगी?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नए भारत में हर नागरिक सुरक्षित है और आस्था का सम्मान भी है। अबू धामी में मंदिर बन गया है और उसके बाद पीएम मोदी ने अब कल्कि धाम का शिलान्यास किया है। अयोध्या में 5 सदी का इंतजार खत्म हुआ है और अब कल्कि धाम के मंदिर का भी शिलान्यास हो गया है। इस प्रकार से मुख्यमंत्री ने सबकी आस्था का सम्मान करते हुए सनातन धर्म के बारें में बताया ।
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इस स्थान पर होगा कल्कि का जन्म
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतार बताए जाते हैं, जिनमें नौ का जन्म पहले ही हो चुका है और दसवें अवतार का जन्म अभी बाकी है। दसवें अवतार के रूप में भगवान कल्कि जन्म लेंगे, जो कलयुग के अंत में सफेद घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का संहार करेंगे। पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में होगा। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे। साथ में वह वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे। भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करके फिर से धर्म की रक्षा करेंगे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार विष्णु द्वारा 10 वां अवतार भगवान कल्कि के रूप में अवतार लेते ही सतयुग का आरम्भ और कलियुग का अन्त होगा। कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व से हो चुका है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। मान्यता है कि कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा, जिसमें से कलियुग के 5126 साल बीत चुके हैं और 426875 साल अभी बाकी हैं। यानी कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होने में अभी करीब 426875 साल बाकी हैं।
भगवान कल्कि के अवतरण का उद्देश्य?
मान्यता है कि जैसे-जैसे कलयुग का समय बीतेगा, पृथ्वी पर अत्याचार और पाप बढ़ता जाएगा, व्यक्ति में संस्कारों की कमी आ जाएगी, शिष्य गुरु के उपदेशों का पालन नहीं करेंगे, हत्या और लूट की घटनाएं बढ़ जाएंगी और धर्म की नीतियां खत्म हो जाएंगी, तब भगवान कल्कि अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अवतरित होंगे।एक बार पुनः जीव मात्र के कल्याण वाले समाज की स्थापना की जाएगी।