FASTag New Rule 2024: 31 जनवरी से पहले करें यह काम वरना ब्लैकलिस्ट हो जाएगा आपका FASTag
FASTag New Rule 2024: कार चलाने वाले लोगों के लिए एक जरूरी सूचना है। FASTag के नए नियमों में आए बदलावों के बाद 31 जनवरी से पुराने टैग ब्लैकलिस्ट हो जाएंगे। उनकी जगह उन्हें नए अपडेट टैग लगवाने होंगे, जाने किन-किन लोगों को बदलने पड़ेंगे।
FASTag New Rule 2024: नए साल 2024 के साथ बहुत सारे नए नियमों में बदलाव आने वाला है। ऐसा ही एक अपडेट FASTag के बारें में आया है। आरबीआई के निर्देश के अनुसार कुछ विशेष FASTag को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
तो यदि आप भी गाड़ी चलाते है और उस पर पुराना FASTag लगा हुआ है। तो अब उसे अपडेट करने की जरूरत है। वरना आपको टोल प्लाज़ा पर परेशानियों का सामना करना पद सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की और से सभी बैंकों को निर्देश जारी किए गए है, जिसमें ऐसे उपभोक्ता जिनके FASTag बिना केवाईसी या आधी केवाईसी पर चल रहे है,उन्हें 31 जनवरी एक बाद ब्लैकलिस्ट किया जाए।
FASTag को ऐसे करें अपडेट
आप टोल प्लाज़ा पर किसी भी असुविधा में पड़ना नहीं चाहते है तो आपको सबसे पहले अपने फास्टटैग की केवाईसी अपडेट करवा देनी चाहिए। इसलिए सभी उपभोक्ताओं को अपने बिना केवाईसी या आधी अधूरी केवाईसी वाले टैग को अपडेट करना होगा।
इसमें ग्राहकों को बैंक द्वारा जारी किए गए बिना केवाईसी वाले पुराने टैग को छोड़ना होगा। नए नियमों के अनुसार ( FASTag New Rule 2024) 31 जनवरी के डेडलाइन खत्म हो जाने के बाद सिर्फ नए फूल केवाईसी वाले फास्टटैग ही ऐक्टिव रहेंगे। पुराने सभी टैग ब्लैकलिस्ट हो जाएंगे, जिनके भरोसे अगर आप टॉल प्लाज़ा पर जाएंगे तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
FASTag New Rule 2024 लागू करने की वजह
हाल ही में NHAI ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा करते हुए बताया कि एक ही वाहन के लिए कई सारे फास्टटैग जारी किए हुए है। इसके अलावा बहुत सारे ऐसे फास्टटैग है जिन्हें बिना किसी जरूरी कारवाई के ही जारी कर दिया गया है।
बिना केवाईसी के फास्टटैग जारी करना आरबीआई के नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा कई ऐसे वहाँ चालक है जो फास्टटैग को वाहन की विंडशील्ड पर लगाने की बजाय अपने वॉलेट में रखते है। जिसे स्कैन करके टॉल वसूलने में देरी होती है। इससे एक्सप्रेस वे पर चलने वाले अन्य वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
देशभर में 98 टॉल प्लाज़ा पर फास्टटैग से कटता है टॉल
डिजिटल इंडिया मूवमेंट के साथ देशभर में सभी टॉल प्लाज़ा को फास्टटैग से जोड़ा गया था, जिसका उद्देश्य टॉल वसूलने में होने वाली देरी, धांधली और कई अन्य समस्याओं को खत्म करना था।
देशभर में लगभग 8 करोड़ से अधिक लोग अपने वाहन पर फास्टटैग का इस्तेमाल करते है। और राज्य सरकारों द्वारा संचालित टॉल प्लाज़ा को छोड़कर 98% प्लाज़ा पर फास्टटैग से शुल्क लिया जाता है।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की इच्छा है कि वो देश में जीपीएस से टॉल वसूली की तकनीक को लागू करें ताकि क्यूआर स्कैन में लगने वाले समय को कम किया जा सके।