Hit And Run New Law: जानिए क्या है नया ‘हिट एंड रन’ कानून, क्यों कर रहे है देशभर के सारे ड्राइवर इसके खिलाफ प्रदर्शन!
Hit And Run New Law Why Driver Protest:हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन काफी तेज होता जा रहा है। राजस्थान के सारे ड्राइवर इसके खिलाफ कर रहे है प्रदर्शन!
Jaipur: केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘हिट एंड रन’ नया कानून निकाला है। इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी भी मिल चुकी है। अब यह भारतीय न्याय संहिता के तहत देशभर में एक नया कानून बन चुका है। इस नए कानून में जो प्रावधान जोड़े गए है, उन प्रावधानों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। हिट एंड रन केस में अगर कोई ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद फरार हो जाता है और हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ड्राइवर को 10 साल की सजा होगी। सजा के साथ जुर्माना भी भरना होगा। नए कानून को लेकर ड्राइवर विरोध कर रहे है। आइए जानते है क्या है नया ‘हिट एंड रन’ का कानून।
Contents
जानिए क्या होता है हिट एंड रन
हिट एण्ड एं का सीधा अर्थ यह है की एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर का भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई और घायल की मदद करने की बजाय ड्राइवर वहाँ से भाग जाए तो ऐसे केस को ‘हिट एण्ड रन’ का नाम दिया जाएगा। हिट एंड रन के पुराने कानून में ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और 2 साल की सजा मिलती थी। ऐसे कई केस सामने आए है की अगर घायल व्यक्ति टाइम पे अस्पताल पहुँचाया जाता तो उसकी जान बच जाती। हालांकि,एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसे केस में सख्ती बढ़ानी पड़ती है।
नय कानून में ड्राइवरों पर सख्त कारवाई का विरोध
हिट एंड रन केस में अगर कोई ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद फरार हो जाता है और हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो ड्राइवर को 10 साल की सजा होगी। इसके साथ ही भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। इस कानून का देशभर के ड्राइवर विरोध कर रहे है। उत्तर भारत के कई राज्यों में इस नए कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और हाइवे जाम किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इतने सख्त प्रावधान क्यों जोड़े
दुर्घटना के अंक ये दिखते है की हर साल हिट एंड रन के मामले में 50 हजार से ज्यादा मौत होती है। मौतों के इन अंकों को देखकर हिट एंड रन में सख्त प्रावधान जोड़े गए है।
ड्राइवरों के लिए आगे कुआं पीछे खाई
नए कानून का विरोध करने वाले ड्राइवरों का कहना है की अगर एक्सीडेंट के बाद वे मौके से फरार होते है तो उन्हे 10 साल की सजा हो जाएगी। और अगर वह मौके पर रुक जाते है तो भीड़ उन्हे पीट-पीटकर मार डालेगी। ड्राइवरों के लिए आगे कुआं पीछे खाई वाली स्तिथि होगई है। यह बात सच है की कई बार उग्र भीड़ हिंसक का रूप ले लेती है और मॉब लिंचिंग का रूप ले लेती है।
काँग्रेस ने किया नए कानून का विरोध
पूर्व परिवहन प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस नए कानून को जन विरोधी और संविधान विरोधी बताया है। उन्होंने ये कहा कि नया कानून ड्राइवरों के मूल अधिकारों का हनन है। राजस्थान सरकार ने तो सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के आँकड़े को कम करने के लिए ड्राइवरों के हिट में कानूनी प्रावधान किए थे। दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 5 हजार रुपये का इनाम देने का नियम बनाया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकर ने ऐसे प्रावधान किए थे कि अगर कोई गाड़ी ड्राइवर किसी घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उस गाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।